**बात चीत मैं हमेशा संगीत प्रधान व अच्छी फिल्में ही देना चाहता हूँ...... निर्देशक संजय आर निषाद
संजय आर. निषाद एक उभरते हुए युवा और प्रतिभाशाली निर्देशक हैं। उनके द्वारा निर्देशित हिन्दी फिल्म ‘शूद्र-ए लव स्टोरी’ मुंबई-महाराष्ट्र एवं गुजरात के 39 सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो चुकी है। संजय आर. निषाद निर्देशित एक अन्य फिल्म ‘पहल’ (हिन्दी) भी जल्द रिलीज होने वाली है। पिछले दिनों पीआरओ समरजीत के सौजन्य से मुझे उनसे बात चीत करने का मौका मिला पेश है बात चीत के प्रमुख अंश:-
***संजय जी....अपने बैकग्राउण्ड के बारे में कुछ बताइये ?
----------मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला अन्तर्गत ग्राम जंगल गौरी नम्बर वन का निवासी हंू तथा गोरखपुर के श्री नेहरु इण्टर काॅलेज, अमहिया से मैंने अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी की पिछले 11 वर्षों से मैं मुंबई में हूं और मैंने हिंदी व भोजपुरी इंडस्ट्री से सम्बद्ध कई नामचीन निर्देशकों के सहायक के रूप में काम किया।काफी संघर्ष के बाद मुझे पहचान मिली है। 'शुद्र-ए लव स्टोरी' से मेरे कैरियर को एक नई दिशा मिली है।
***संघर्ष के दौरान कभी आपके हौसले कमजोर नहीं पड़े ?
------------जब मैं निर्देशक बनने के लिए संघर्ष करता था, तब यार, दोस्त, परिवार वाले, जानने-पहचानने वाले अक्सर ताने मारते थे, पर मेरे हौसले कभी कमजोर नहीं पड़े। मैंने मन में ठान लिया था कि एक-न-एक-दिन अवश्य ही निर्देशक बनूंगा। प्रतिफल स्वरूप ‘शूद्र-ए लव स्टोरी’ रिलीज हो चुकी है, जबकि फिल्म ‘पहल’ बहुत जल्द ही रिलीज होने वाली है। भोजपुरी फिल्म ‘हमार जान नदिया के पार’ निर्माणाधीन है।
***आपके संघर्ष के दौरान जिन लोगों ने आपको सहयोग किया, क्या उनका नाम बताना चाहेंगे ?
------------जी, अवश्य! मुझे अपने संघर्ष के दौरान अवधेश निषाद, भगवानदास निषाद, मुकेश मल्लाह, डिस्ट्रीब्यूटर रंजीत कुमार सिंह जी ने बहुत सहयोग किया। ये लोग मेरे गाॅड फादर की तरह रहे और इन्होंने मेरी बहुत हौसला अफजाई व मदद की। मैं इन सभी का बहुत शुक्रगुजार हूं। मेरी सफलता में इन सभी का बहुत बड़ा हाथ है।
***फिल्में निर्देशित करने के पीछे आपका अपना क्या नजरिया है?
----------सच पूछिए तो मैं फिल्म मेकिंग की दिशा में बहुत बड़ा बदलाव लाना चाहता हूं। मैं सिर्फ नये, सार्थक तथा पारिवारिक विषयों वाली फिल्में ही बनाना चाहता हूं, मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्मों से महिलाएं वापस थिएटर्स तक लौटें। यकीनन मेरी आगामी फिल्में महिलाओं को सिनेमा हाॅल तक खींच लाएंगी। एक खास बात आपको बताऊं कि मैं कभी भी लिखी हुई कहानी पर फिल्म नहीं बनाता, बल्कि लेखक के सामने बैठकर कहानी-स्क्रिप्ट लिखवाता हूं। मैं हमेशा संगीत प्रधान व अच्छी फिल्में ही देना चाहता हूं, जिनसे समाज को एक सार्थक मैसेज मिले।
***अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में कुछ बताना चाहेंगे?
----------मैंने पहले ही बताया कि एक फिल्म ‘हमार जान नदिया के पार’ है। राहुल सिंह-रेशमा शेख अभिनीत इस फिल्म की शूटिंग जल्द ही शुरु होने जा रही है। दो नयी भोजपुरी फिल्में लाइन-अप हैं, जिनमें एक अवधी फिल्म ‘सिंध छैला’ तथा दूसरी भोजपुरी है। इन दोनें ही फिल्मों में राहुल सिंह-रेशमा शेख हैं। इन सभी फिल्मों के सब्जेक्ट काफी सेंसेटिव व एकदम हटकर हैं।
प्रस्तुति: काली दास पाण्डेय
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