****फ़्लैश बैक**** संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
मशहूर संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने यूं तो बॉलीवुड में 700 के करीब फिल्मों का बेहतरीन संगीत संजोया है,गायिकी और गीत की लिखावट को लेकर कोई किसी किस्म का समझौता नहीं किया फ़िल्म की कहानी और उससे सम्बद्ध ही गीत कम्पोज किये...सुपर स्टार राजेश खन्ना के गोल्डन डेज की सबसे महत्वपूर्ण फ़िल्म थी-'हाथी मेरे साथी' ... इस फ़िल्म के क्लाइमेक्स सांग -'नफरत की दुनियां को छोडकर 'गायक के चयन को लेकर बहुत बहस मुबाहसे हुए।सूत्रो के अनुसार राजेश खन्ना चाहते थे कि यह गीत किशोर कुमार की आवाज में रिकॉर्ड किया जाए जबकि लक्ष्मी-प्यारे इसे मोहम्मद रफी से गवाना चाहते थे और वे इस पर अड़े भी रहे बात इतनी बढ़ गई,कुछ दिनों तक रिकॉर्डिंग रुकी रही,यहाँ तक इस गाने को राजेश खन्ना ने अपने लिप्स मूमेंट्स देने से इनकार कर दिया और इसे बैकग्राउंड सांग . करार कर दिया ,मगर जब रिकॉर्डिंग के बाद राजेश खन्ना ने रफी साहब की आवाज़ में यह गीत सुना तो ना केवल उनकी आंखों से गंगा जमुना निकल पड़ी बल्कि उन्होंने इमोशनली बढ़िया ढंग से शूट भी कराया फ़िल्म की रिलीज पर यह गीत फ़िल्म की आत्मा बना। इस फ़िल्म से स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर अपनासफ़र शुरू करनेवाले सलीम जावेद ने इस तथ्य की पुष्टि की और रफी साहब खुद इसे अपना बढिया गाना मानते थे।अब कहाँ है,गीत को न्याय दिलाने वाले संगीतकार...?
प्रस्तुति: सतीश कंवल
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